कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर चुनावों में वोट चोरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग बिहार में मतदाता सूची की विशेष जांच के जरिए सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
राहुल गांधी ने संसद परिसर के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा,
वोट की यह चोरी देश के खिलाफ है। यह देशद्रोह से कम नहीं है। हम इन लोगों को ढूंढ निकालेंगे, चाहे वे रिटायर हो जाएं या कहीं भी हों। उन्होंने यह भी दावा किया कि विपक्ष की छह महीने लंबी जांच में इस चोरी के पक्के सबूत मिले हैं। हालांकि उन्होंने किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके तीखे शब्दों ने सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को बेबुनियाद और निराधार करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया रोजाना की इस तरह की गैर-जिम्मेदार बातें और धमकियों के बावजूद सभी चुनाव अधिकारी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपना काम कर रहे हैं।
आयोग ने यह भी कहा कि वह इस प्रकार के आरोपों को गंभीरता से नहीं लेता और अपने अधिकारियों से भी इन बयानों को नजरअंदाज करने को कहता है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि विपक्ष को सबसे पहले मध्य प्रदेश और लोकसभा चुनावों के बाद संदेह हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए मतदाताओं की अचानक एंट्री ने उन्हें चौकन्ना कर दिया।
उन्होंने कहा, जब चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो हमने खुद जांच की। यह रिपोर्ट किसी एटम बम से कम नहीं है। राहुल के अनुसार, इस जांच में ऐसे सबूत मिले हैं जो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हैं।